खौफ़ का दूसरा नाम ब्लू वैल, डीजीपी ने जताई चिंता

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देहरादून: बच्चों के दिलों में खौफ़ पैदा करने वाला ब्लू वैल गेम का संचालक और एडमिन भले ही पुलिस की गिरफ्त में हो लेकिन अभी भी इस खूनी खेल का आतंक और भी बढ़ता जा रहा है। जिसने सैकड़ों बच्चों की जान ले ली है।

वहीं धीरे-धीरे इस गेम को खेलने वाले बच्चों में उत्तराखंड के बच्चे भी शामिल होने लगे हैं। यह गेम अब धीरे-धीरे मैट्रो सिटीज से लेकर पर्वतीय इलाकों में भी अपनी पैठ जमाने लगा है। हाल ही में देहरादून के तीन बच्चों को भी इस खतरनाक गेम के चंगुल से बचाया गया।

इस खतरनाक खेल से दून पुलिस जागरूकता अभियान चलाने वाली है। उत्तराखंड के डीजीपी अनिल कुमार रतूड़ी का कहना है कि ब्लू वैल गैम काफी घातक है और अबतक कई बच्चे इसके शिकार हो चुके हैं । उनका कहना है कि इंटरनेट का सबसे ज्यादा इस्तेमाल 18 साल से कम उम्र के बच्चे ज्यादा कर रहे है और वो ही इस गैम के सबसे ज्यादा शिकार हो रहे हैं। इसको रोकने के लिए पुलिस प्रशासन दो रूप से काम कर रहा है, पहला स्कूल कॉलेजों में जाकर बच्चों को जागरूक किया जाएगा और दूसरा कानूनी कार्रवाई में तेजी लाई जा रही है। जिससे ऐसे मामलों में कमी लाई जा सके ।

भले ही पुलिस प्रशासन इस खेल को लेकर जागरूकता अभियान चला रही हो लेकिन जिस प्रकार लगातार इस खेल में बच्चे लगातार फंसते जा रहे हैं। उससे हर परिवार जनों की जिम्मेदारी बनती है कि वो अपने बच्चों को अकेला न छोड़ें और ना ही उनको ज्यादा इंटरनेट का आदि होनें दें। तभी जाकर इस खतरनाक खेल से हम अपने बच्चों को बचा सकते हैं।

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