देहरादून: केदारनाथ आपदा पर गाना गाने और डॉक्युमैंट्री बनाने पर कैलाश खेर को अब भुगतान आपदा राशि से नहीं बल्कि उत्तराखंड सूचना विभाग की राशि से किया गया है। जो की एक नामात्र 1.44 करोड़ की राशी शेष थी जबकि 10.56 करोड़ रूपए आपदा धनराशी से ही चुकाए जा चुके हैं।
प्रख्यात गायक कैलाश खेर द्वारा बनाई गई डॉक्यूमेंट्री का भुगतान पिछली सरकार से लेकर भाजपा सरकार तक राजनीति का विषय बनी रही। डॉक्यूमैंट्री बनने से लेकर अभी तक इस मुद्दे पर राजनीति में खूब हो-हल्ला मचा रहा।
हैलो उत्तराखंड से बात करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा कि कांग्रेस सरकार की गलती को भाजपा सरकार ने ठीक कर लिया है। कैलाश खेर को डॉक्यूमैंट्री का भुगतान आपदा राशि से नहीं बल्कि उत्तराखंड सूचना विभाग ने किया है।
वहीँ दूसरी ओर भाजपा प्रदेश् मीडिया प्रभारी डॉ देवेंद्र भसीन ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने जिस तरह करोडों रुपये का भुगतान आपदा राशि से किया उससे साफ हो गया था कि कांग्रेस को आपदा से जनता को लगे जख्मों से कोई हमदर्दी नही थी।
गौरतलब है कि केदारनाथ आपदा आने के बाद पर्यटकों की संख्या में कमी आने के कारण को देखते हुए पिछली सरकार ने प्रख्यात गायक कैलाश खेर को पर्यटकों को बढ़ावा देने के लिए एक डॉक्यूमैंट्री बनाने का आग्रह किया। जिसमें कैलाश खेर ने करोड़ों रूपए की डॉक्यूमैंट्री तो बनाई लेकिन सरकार उसका भुगतान केदारनाथ आपदा राशि से करने जा रही थी । जिसका उस समय भाजपा ने विरोध किया था। जिसके बाद यह मामला अभी तक लटका हुआ था। जिस पर आज अजय भट्ट ने स्थिति साफ करते हुए कहा कि कैलाश खेर को भुगतान सूचना विभाग द्वारा किया जाएगा ना कि आपदा राशि से।
लेकिन सवाल यह उठता है कि पहले तो भाजपा कांग्रेस द्वारा उठाए गए इस कदम से नाखुश थी और उसके विरोध में थी तो फिर आज कांग्रेस की ही नीति को क्यूं निभाया जा रहा है? सवाल यह भी है कि जिन 12 करोड़ रुपयों का भुगतान किया गया वो उत्तराखंड जैसे छोटे राज्य की सुख सुविधाओं के बजाय फिजुली खर्च किए ही क्यूँ गए? एक सवाल यह भी उठता है कि विभाग को बदलकर जो पैसा दिया गया क्या वो राज्य का नहीं है? इस साल पर्यटकों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है तो फिर इस सब की क्या जरूरत भला केदारनाथ को कौन नहीं जनता और क्या भक्त कभी अपने भगवान् के परिचय और प्रचार का मौहताज हैं?