मसूरी। पहाड़ों की रानी मसूरी से महज 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एतिहासिक कैम्पटी फॉल के हालात दिन ब दिन बदत्तर होते जा रहे हैं। जिस कैम्पटी फॉल की सुंदरता निहारने देश दुनिया से पर्यटक यहां पहुंचते हैं, वहीं गंदगी के अंबार इसकी सुंदर छवि पर बदनुमा दाग लगाने का काम कर रही है। इससे न सिर्फ पर्यटक हताश होते हैं बल्कि मन में पहाड़ की सुंदर छवि लिए पहुंचे पर्यटकों के माध्यम से बाहर लोगों तक गलत संदेश भी जा रहा है।
बता दें कि प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में देश-विदेश से सैलानी कैम्पटी फॉल पहुँचते हैं। हर वर्ष जिला पंचायत को कैम्पटी फॉल से लाखों के राजस्व का मुनाफा होता है, लेकिन अगर व्यवस्था की बात करें तो इस ओर विभाग का ध्यान नहीं है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान और उच्च न्यायालय के आदेशों की धजियाँ उडा़ने में स्थानीय प्रशासन कोई कमी नही छोड़ रहा है। सैलानी और स्थानीय निवासी कैम्पटी फॉल की दुर्दशा से बहुत हताश हैं। फॉल के चारों ओर कूड़ा करकट का अंबार लगा है। यहां पूरी तरह से सफाई व्यवस्था चरमरा गई हैं। फॉल का पानी भी कूड़े से अछूता नहीं है।
देश भर से आने वाले सैलानी यह गंदगी देख खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। सैलानियों का कहना है की कैम्पटी फॉल तो बहुत खूबसूरत है, लेकिन आस-पास की गन्दगी और कूड़े का ढेर मखमल के कालीन पर टाट के पैवंद का काम कर रहा है। स्थानियों का कहना है कि संबंधित विभाग और सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए।