एक मंत्री को अगर हेलिकॉप्टर ले जाने से मना कर दे तो सवाल उठने लाजमी है। ये मंत्री और कोई नहीं बल्की सूबे के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज हैं। जिन्हें 23 मई को ट्रैक ऑफ द ईयर के समापन समारोह में द्रोणागिरी जाना था। जिसके लिए वे समय से जोशीमठ तो पहुंच गये लेकिन डीजीसीए के नियमों का हवाला देकर उनको रोक दिया गया।
इस बात को लेकर सतपाल महाराज ने हैलो उत्तराखंड न्यूज से बात कर बताया कि यूकाडा ने पहले उनसे जगह की रेकी करने की बात कही । जिसके बाद डीजीसीए के नियमों का हवाला देते हुए यूकाडा ने बताया कि उसके पास सिंगल इंजन विमान है और क्योकिं वे कैबिनेट मंत्री है इसलिए उन्हें ले जाने के लिए डबल इंजन के विमान की आवश्कता होगी।
अब सतपाल महाराज की शिकायत है कि किसी भी मंत्री का प्रोटोकॉल 15 दिन पहले तैयार हो जाता है। इसी के चलते 15 दिन पहले यूकाडा को उनकी यात्रा की जानकारी दे दी गई थी। बावजूद इसके यूकाडा ने ऐन समय पर रेकी और सिंगल इंजन की बात कहकर उनकी यात्रा को रोक दिया। उनका यह भी कहना है कि यूकाडा द्वारा चार धाम की यात्रा तो उन्हें सिंगल इंजन विमान में करवाई गयी तो फिर अब क्यों उन्हें यात्रा से रोका जा रहा है। अगर सिंगल इंजन विमान में यात्रा करवाना नियमों के विरूद्ध है तो फिर सिंगल इंजन विमान में मुझे चार धाम यात्रा और साथ ही साथ बाकी सारे कैबिनेट मंत्रियों को यात्रा करवाने पर उन्हें क्या दंड दिया जाए।
जबकिं आपको बता दें, कि आज तक मुख्यमंत्री को छोड़कर बाकी सभी कैबिनेट मंत्रियों को सिंगल इंजन विमान से ही यूकाडा द्वारा यात्रा करवाई जाती रही है। राज्य के पास अपना एक ही डबल इंजन विमान है। जिसका प्रयोग अधिकतर मुख्यमंत्री के लिए ही किया जाता है। अभी तक किसी भी केबिनेट मंत्री को सिंगल इंजन विमान के चलते न तो यात्रा करने से रोका गया और न ही उनको इस मानकों के बारे मे बोला गया। जबकि गृह मंत्रालय की गाईडलाइन में ये साफ साफ लिखा है कि कैबिनेट मंत्री और उससे ऊपर के सभी वीआईपी और वीवीआईपी को डबल इंजन में ही उड़ाया जाए। इसकी पुष्टि हमने DGCA के टॉप लेवल ऑफिसर्स से भी की है कि राज्य के कैबिनेट मंत्री सिर्फ डबल इंजन हेलीकाप्टर मे ही उड़ान भर सकते है।
अब ऐेेसे में सवाल उठता हैं कि आज तक यूकाडा क्यों डीजीसीए के नियमों की सरेआम धज्जियां उड़ा रहा है। क्यों अब तक सब कैबिनेट मंत्रियों की सुरक्षा को यूकाडा हलके में लेता रहा है। ये कुछ ऐसे सवाल है जिनका जवाब राज्य सरकार औऱ डीजीसीए को यूकाडा से लेना चाहिए।
लेकिन इसके चलते पहली बार सतपाल महाराज को रोका जाना भी कई सवाल पैदा कर रहा है।