हेली सेवा रुकी होने से जहां एक तरफ हवाई यात्री परेशान है तो वहीं दूसरी ओर पैदल यात्रा करने वाले क्षद्धालु भी अधिक किराया वसूले जाने से परेशान हो रहे हैं। दरअसल केदारनाथ यात्रा मार्ग में पैदल यात्रियों की सुविधा के लिए घोड़े और खच्चरों की व्यवस्था रहती है।
जिनके द्वारा आम तौर पर 1800 से लेकर 2000 तक का किराया लिया जाता है, लेकिन इस बार हेली सेवा में विलम्ब होने के कारण शिकायतें मिल रही हैं कि घोडें वाले इसका फायदा उठाकर यात्रियों से मनमाने ढ़ंग से किराया वसूल रहे हैं। शिकायत मिली है कि अधिकतर घोडे और खच्चरर वाले 5 से 6 हजार रुपये तक यात्रियों से किराया वसूल रहे हैं।
इस शिकायत को जब हमारे द्वारा रुद्रप्रयाग जिलाधिकारी के संज्ञान लाया गया तो उन्होनें बताया यात्रा में किसी भी तरह कि मानमानी की जांच के लिए वे मैजिस्ट्रेट और एसपी को निर्देशित कर चुकी है।
यात्रियों की आस्था और उनकी भक्ति के चलते अगर स्थानीय घोड़े- खच्चर वालों द्वारा उन्हें लुटा जा रहा है तो ये बेहद शर्मनाक स्थति है। क्योकिं ऐसी घटनाओं से प्रदेश की छवि को नुकसान पहुंचता है।
जिस पर प्रशासन को जल्द से जल्द कार्यवाही करने की आवश्यकता है।