आपको याद हो कि बीते दिन पिथौरागढ के बेरीनाग में एक किसान ने कर्ज के बोझ तले दब कर मौत को गले लगा लिया, लेकिन किसान की इस बेबशी पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का एक बयान सामने आया है बयान में त्रिवेंद्र सिंह ने कहा कि ‘‘उनके उपर भी 11 लाख का कर्जा है, उत्तराखण्ड के किसानों पर 12 हजार करोड का कर्जा है और राज्य के हर व्यक्ति पर 45 हजार का कर्जा है, इसलिए ये कहना गलत है कि किसान ने आत्म हत्या कर्ज में डूबे होने की वजह से की है, क्योकि किसान ने आत्म हत्या करने से पहले कोई सोसाईड नोट नहीं छोडा था‘‘।
सीएम का यह बयान जब भारी चर्चाओं से घिरा तब सीएम ने बयान बदलकर, किसान की खुदकुशी मामले के जांच के आदेश दे दिए, खैर किसान की मौत के पिछे की वजह जो भी हो, लेकिन किसान ने बैंक से जो कर्ज लिया था उसकी भरपारई को लेकर किसान को बैंक से लगातर नोटिस आ रहे थे। वहीं सीएम के इस बयान से किसानो के साथ प्रदेश वासियों को भी धक्का लगा है, कि जिन कंधो पर प्रदेश की जिम्मेदारी है, उनके मुखिया किसान की खुदकुशी पर ऐसा बयान दे रहे है।