देहरादून: पूरे देश भर में हो रहे किसानों के आत्महत्या की चिंगारी से 16 जून को उत्तराखंड का राज्य भी सुलग गया था। उत्तराखंड राज्य निर्माण के बाद ये पहला वाकया था जब किसी किसान ने कर्ज के तले दबे होने की वजह से मौत को गले लगा लिया हो।
16 जून के बाद ये आत्महत्या के मामलों और बढ़ते गए। एक के बाद एक किसान ने अपनी समस्याओं को खत्म करने का रास्ता आत्महत्या को ही मान लिया… अब तक उतराखंड में आधा दर्जन से ज्यादा किसानों की मौत हो चुकी है।
अब ये मामला उच्च न्यायालय जा पहुंचा है। उधमसिंह नगर निवासी डॉ गणेश उपाध्याय की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश के0एम जोसेफ़ और न्यायमूर्ति आलोक सिंह की खंडपीठ ने भारत सरकार, आर0बी0आई, स्टेट कॉपरेटिव बैंक, और राज्य सरकार को तीन हफ्ते के अंदर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
कांग्रेस किसान नेता गणेश उपाध्याय ने जनहित याचिका में केंद्र और राज्य सरकार के ऋण माफ़ी के वादे को आधार बनाते हुए याचिका दाखिल की है।