किसानो के समस्याओ का समाधान हो या न हो लेकिन उत्तराखंड प्रदेश में किसानो की समस्या, उनकी आत्महत्या और उनके ऋणमाफ़ी के वादे में जम कर सियासत हो रही है, 16 जून को उत्तराखंड में पहले किसान की मौत के बाद से ही उत्तराखंड के नेताओं को आपनी राजनीति चमकाने का मौका मिल गया था, और अब तो किसानो की मौत का आंकड़ा 6 पहुँच चूका है, ऐसे में सियासत तेज न हो ये तो मुमकिन ही नही है।
किसानों की आत्महत्या के बाद एक और जहा कांग्रेसी कार्यकर्ता किसानों के हितेसी बनते हुए उनके पास जा पहुंचे तो वही बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने इन दौरों को राजनीतिक हथकंडा करार देते हुए कांग्रेसियों पर किसानों को आत्महत्या के लिए उकसाने और उन्हें बरगलाने का आरोप मड दिया, तब से किसानों के मामले पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया।
इसी कड़ी में आज एक बार फिर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने अपने बोल को दोहराते हुए किसानों को आत्महत्या के लिए उकसाने का जिम्मेदार कांग्रेस को ठहराते हुए, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय का एक पत्र प्रस्तुत किया है जिसमे किशोरे उपाध्याय ने किसानो के ऋण माफ़ी की मांग पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से करी है।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट का कहना है कि किसान मसले में कांग्रेस घडियाली आसू बहा रही है, जब उनके पास मौका था किसानों के ऋण माफ़ी का तब तो कांग्रेस मौन बनी बेठी रही लेकिन अब शोर मचा रही है।
साथ ही वित्तीय स्थिति का हवाला देते हुए प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा है कि आने वाले समय में जब भी प्रदेश की वित्तीय स्थिति स्थिर होगी तो किसानों को किये गए वादे भी बीजेपी सरकार जरुर पुरे करेगी।