रुद्रप्रयागः भगवान केदारनाथ के कपाट शीतकाल में छह माह के लिए बंद होने के साथ ही केदारनाथ मंदिर की सुरक्षा का सवाल फिर खड़ा हो गया है। साढे़ ग्यारह हजार फीट की उंचाई पर स्थित भगवान केदारनाथ के मंदिर की आंतरिक सुरक्षा का मामला लंबे समय से चिंता का सबब बना है।
वर्ष 2013 से पूर्व कपाट बंद होते ही यह क्षेत्र सुनसान हो जाता था और गौरीकुंड से ही व्यवस्थाओं का जायजा लिया जाता था। बावजूद इसके कई बार यहां पर सुरक्षा को लेकर चूक सामने आ चुकी है। चाहे मंदिर का कलश चोरी मामला हो या फिर गर्भ गृह से चांदी की प्लेटें चोरी होना का मामला, या फिर दरवाजों की सील टूटने का मसला। अभी तक भी पुलिस किसी भी मामले को सुलझा नहीं पायी है और हर साल सुरक्षा के नाम पर करोडों श्रद्वालुओं को भ्रम में रखा जाता है।
2013 के बाद से यहां पर पूरे वर्ष भर मजदूर काम करते हैं, ऐसे में सुरक्षा को लेकर सवाल भी उठने लाजिमी हैं। कपाट बंद होने के बाद धाम में भारी बर्फबारी के चलते व तापमान के माइनस में जाने से यहां पर जीवन यापन मुश्किल है। यह बात अलग है कि जनपद की पुलिस फोर्स यहां पर कठिन परिस्थितियों में भी तैनात रहती है, लेकिन उक्त घटनाक्रमों से मंदिर की सुरक्षा का सवाल फिर भी खड़ा होता है। इस बार भी पुलिस का दावा है कि पूरे छह माह शीतकाल में पुलिस धाम में मौजूद रहेगी और गार्ड मंदिर के सामने तैनात रहेगी।
पुराने अनुभवों को देखा जाय तो अभी तक भी शीतकाल में मन्दिर सुरक्षित नहीं है, जबकि अब तो मंदिर के भीतर भी चांदी की दीवारें बन चुकी हैं, ऐसे में मंदिर किस तरह से सुरक्षित रहेगा यह तो बाबा केदार ही जाने।