उत्तराखंड सरकार द्वारा India Fly safe Aviation Ltd. के हेली सेवा वाले टेंडर को जैसे ही निरस्त किया गया, अगली सुबह राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रेस कॉन्फेंस बुलाए। पिछले कई समय से नियमों को ताक में रखकर टेंडर दिये जाने का विरोध झेल रहे हरीश रावत इस फैसले के बाद मीडिया के सामने आई। जहां इस टेंडर को लोकल कनेक्टीविटी और 12 करोड़ रुपये का राजस्व बताकर हरीश रावत..त्रिवेंद्र सरकार से इस टेंडर पर पुनविचार करने की बात कह रही है। तो वहीं जब हमारे संवाद्दाता मंयक ध्यानी ने टेंडर की खामियों और उन्ही की सरकार की मंशा पर सवाल उठाये तो हरीश रावत जी ने जो जवाब दिया ये हम आपको बतातें है।
हमने जब उनसे पूछा कि जिस कंपनी को टेंडर दिया गया है उसके पास उड़ाने के लिए सिंगल इंजन हेलिकॉप्टर Bell-407 and Eurocraft B3 जो केदारनाथ उड़ने में सक्षम हैं ऐसे एक भी हेलिकॉप्टर IFSAL के पास नहीं है तो हरीश रावत कंपनी के बचाव में उतरकर कंपनी के पास उपयुक्त सिंगल विमान होने की बात कहने लगे। लेकिन जब हमने DGCA की वेबसाइट पर जाकर IFSAL के पास मौजूद हेलिकॉप्टर की पड़ताल की तो मालूम चला कि इस तरह का एक भी हेलिकॉप्टर कंपनी के पास नहीं है…….जिसकी तस्वीर नीचे दिखाई गयी है
हरीश रावत बार बार जिस IFSAL कंपनी द्वारा 12 करोड़ का राजस्व सरकार को देने की बात कर रहै हैं उसके पीछे का सच क्या है ये भी हम आज आपको बता रहे हैं। मालूम हो की केदारनाथ यात्रा में लगभग दो से ढ़ाई लाख यात्री हर साल हेली सेवा के माध्यम से केदारनाथ के दर्शन करते हैं। इस टेंडर में यात्रियों से लिये जाने वाले किराये मै बढ़ोतरी करके हरीश रावत सरकार ने पिछले साल के मुताबिक लगभग 2700 रुपये अत्रितक किराया बड़ा दिया गया था। जिससे इस कंपनी को लगभाग 50 से 60 करोड़ रुपये का सीधा सीधा लाभ पहुंच रहा था। तो इस कंपनी को 12 करोड़ का राजस्व सरकार देने में क्या आपत्ति हो सकती थी।
और वैसे भी India Fly safe Aviation Ltd. कंपनी एक नॉन शेड्यूल परमिट होल्डर है, जो DGCA के नियमों के अनुसार शेड्यूल ऑपरेशन सेवा नहीं दे सकती है।