नैनीतालः एनएच 74 घोटाले के आरोपी विशेष भूमि अध्यापित अधिकारी निलंबित डीपी सिंह की ओर से हाईकोर्ट में दायर याचिका आज खारिज हो गई है। इसके साथ ही डीपी सिंह की गिरफ्तारी का स्टे भी हटा दिया गया। माना जा रहा है कि अब पुलिस डीपी सिंह को कभी भी गिरफ्तार कर सकती है।
याचिकर्ता डीपी सिंह ने हाल ही में कोर्ट में एक याचिका दायर कर कहा था कि एनएच 74 घोटाले मामले में उनके खिलाफ हुई कार्रवाई की सीबीआई जांच की गुहार लगाई थी। डीपी सिंह ने याचिका में कहा था कि जब यह घोटाला उजागर हुआ, तब राज्य सरकार ने मामले की जांच कराने के लिए पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया। जिसमें से एक सदस्य कुमाउं आयुक्त भी थे, किन्तु उस कमेटी की एक भी बैठक होने से पहले कुमाउं आयुक्त के निर्देश पर एसएसपी ऊधम सिंह नगर ने याची के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया जो द्वेषभाव से किया गया।
इसके अलावा याचिका में कहा गया है कि याचिकर्ता पर कृषि को भी व्यवसायिक भूमि दिखाकर सरकारी धन का दुरूपयोग करने का आरोप लगाया गया, जो गलत है। जबकि भू स्वामियों को सर्किल रेट के हिसाब से पेमेंट किया गया गया। याचिकर्ता का यह भी कहना था कि राज्य सरकार द्वारा गठित एसआइटी पक्षपातपूर्ण है, इसलिए इसकी जांच सीबीआई से की जानी चाहिए।
डिप्टी एडवोकेट जनरल / सीबीआई स्टैंडिंग काउंसिल संदीप टंटन ने हैलो उत्तराखंड न्यूज को बताया कि आज हाईकोर्ट की एकल खंडपीठ के न्यायपूर्ति बीके बिष्ट ने एनएच 74 घोटाले के आरोपी निलंबित अधिकारी डीपी सिंह की याचिका को खारिज कर दिया। साथ ही न्यायमूर्ति बीके बिष्ट ने डीपी सिंह की गिरफ्तारी स्टे को भी हटा दिया।