साइबर क्रिमिनल्स द्वारा एटीएम में हो रही सेंधमारी दिनों-दिन बढती जा रही है, ये मामले बढकर ६६ पहुँच गए है, जिनमें सर्वाधिक मामले नेहरु कॉलोनी के है। बढते साइबर अपराध से जुड़े इन मामलो के जांच की कमान पुलिस महानिदेशक एमए गणपति ने एसटीएफ को सौंप दी है।
पुलिस महानिदेशक एमए गणपति ने सोमवार को पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप को जांच की कमान सौंप दी। साइबर सेल और दून पुलिस भी इसमें शामिल रहेगी।
फ्रॉड के तार कई राज्यों से जुड़े होने के कारण मामला एसटीएफ के पास पहुँच गया है जिसमे पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त टीमों ने देहरादून, जयपुर और दिल्ली में एटीएम की जांच की है।
सोमवार देर रात तक खाते से रुपये निकाले जाने की 66 एफआईआर दर्ज हो चुकी थी, जबकि शिकायतों का आंकड़ा 78 पहुंच गया है। सभी मामलों में आईटी एक्ट की धारा 66 (।)(। ।) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। एटीएम की सीसीटीवी फुटेज में एक संदिग्ध का चेहरा भी आया है।
बैंक खातों से लाखों की रकम उड़ाने के मामले में तीन दिन की भागदौड़ के बाद पुलिस इस नतीजे पर पहुंची है कि यह वारदात एटीएम में स्कीमर डिवाइस लगाकर अंजाम दी गई है।
स्कीमर डिवाइस लगाकर चुराए गए डाटा से कई खाताधारकों की रकम उड़ाई है। स्कीमिंग की पुष्टि होने के बाद सोमवार को दून में एसबीआई के दो एटीएम सील कर दिए गए।
डाटा चुराने के बाद डुप्लीकेट एटीएम कार्ड बनाकर रकम निकाली गई है। नेहरू कॉलोनी के एसबीआई एटीएम की बारीकी से जांच की गई,एटीएम मशीन पर एम-सील चिपकी मिली तो पूरा माजरा समझ में आ गया।
नेहरू कॉलोनी थाना के इंस्पेक्टर राजेश शाह ने हैलो उत्तराखंड से बात कर इस बात की पुष्टि करी कि राजीव नगर और मोथरोवाला के एटीएम को रात तत्काल बंद कर दिया गया था।
इन खातों से करीब 13 लाख 58 हजार रुपये निकाले गए हैं। थाने में दिन रात मुकदमे दर्ज होने का काम चल रहा है। रायपुर थाने में यह संख्या 11 पहुंच गई है। शहर कोतवाली में आठ, डालनवाला में तीन और पटेलनगर थाने में एक मुकदमा दर्ज हो चुका है। दो अन्य शिकायतें आने की सूचना है।
आरबीआई ने तलब की रिपोर्ट, करें भुगतान
आरबीआई अधिकारियों ने एटीएम से डाटा चुराकर बैंक खातों से रकम उड़ाने के मामले में बैंकों से रिपोर्ट तलब की है। साथ ही पीड़ित ग्राहकों को 10 दिन में भुगतान करने को कहा है।
एसटीएफ एसएसपी रिधिम अग्रवाल ने हैलो उत्तराखंड को बताया की सोमवार शाम को आरबीआई के डिप्टी डायरेक्टर शरद कुमार के साथ बैठक कर नियमों पर बात की। डिप्टी डायरेक्टर का कहना था कि बैंकों को एडवाइजरी जारी कर दी गई है।
ग्राहक स्तर से किसी तरह की लापरवाही न होने की स्थिति में पीड़ित को 10 दिन में रकम वापस करने का नियम है। पुलिस अधिकारियों का कहना था कि बैंक पीड़ितों की शिकायत स्वीकार नहीं कर रहे हैं। डिप्टी डायरेक्टर ने बैंको से बात करने का भरोसा दिलाया है।