नानकमत्ता क्षेत्र के ग्राम बिरिया भूड़ में एक किसान की मौत की खबर सामने आई है हालांकि मौत की वजह हार्टअटैक है लेकिन किसान के परिजनों का कहना है कि बैंक वालों के ऋण जमा करने के दबाव और बैंक कार्रवाई होने के सदमे के चलते मृतक को हार्ट अटैक आया है।
मस्सा सिंह पुत्र गुरमेज सिंह ने उत्तराखंड ग्रामीण बैंक की सितारगंज शाखा से क्रॉप लोन लिया था, उसे बैंक के एक लाख इक्यानवें हजार एक सौ बाइस रुपये जमा करने थे। 22 तारीक को बैंक ने नोटिस देकर लिखित रूप में 1 जूलाई तक पूरी रकम जमा करने की मांग की थी। वहीं ऐसा न होने की सूरत में बैंक कर्मी 2 तारिख को सितारगंज से बैंक अधिकारी मृतक किसान के घर पहुंचे और लोन जमा करने के लिए मौखिक दबाव डाला, साथ ही लोन जमा न करने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी।
मस्सा सिंह के भतीजे जगदीश सिंह ने बताया कि मस्सा सिंह बैंक कार्रवाई के डर से रात भर रोता रहा। परिवार वालों के समझाने के बाद भी उसका तनाव कम नहीं हुआ। कार्रवाई की चेतावनी के सदमे से उसकी गत दिवस किसान कि मौत हो गई, जिससे परिवार में कोहराम मच गया। जगदीश सिंह का आरोप है कि मस्सा सिंह की मौत के लिए बैंक प्रबंधन जिम्मेदार है।
घटना के बाद अखिल भारतीय किसान सभा के जिलाध्यक्ष त्रिलोचन सिंह ने कहा कि उत्तराखंड का किसान कर्ज में डूबा हुआ है। प्रदेश सरकार को किसानों का कर्ज माफ करना चाहिए। कर्ज से डूबे किसानों की लगातार मौत हो रही है, जो बेहद शर्मनाक है। वहीं उधमसिंह नगर के एसएसपी सदानंद दाते ने कहा कि मामले को केवल हार्टअटेक से जोड़कर देखना चाहिए जो कि किसी को भी आ सकता है साथ ही उन्होंने कहा कि मृतक के परिवार द्वारा पुलिस को सूचित भी नहीं किया गया है।
वहीं जब हैलो उत्तराखंड के संवाददाता ने प्रदेश सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक से हुई तो उन्होंने कहा कि किसान की मौत के मामले को संज्ञान में ले लिया गया है, मौत की जांच करवाई जाएगी। बैंक लोन को मौत का कारण बताने पर मदन कौशिक ने कहा कि बीजेपी की सरकार किसानों के हित के लिए कई योजनाओं पर काम कर रही है इसलिए किसान की मौत को राजनितिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए।