उत्तराखंड पुलिस के डीजीपी एमए गणपति ने यूपी सरकार की पहल की सराहना करते हुए कहा कि यूपी में यह बहुत अच्छा कदम है। लेकिन इसके लिए उत्तराखण्ड को यूपी की नकल करनक की जरूरत नही है, क्योकि उत्तराखण्ड में पहले से ही प्रत्येक पीड़ित की एफआरआई दर्ज होती है।
अगर क्राइम की बात करें तो उत्तरप्रदेश में अपराध का ग्राफ देश के अन्य राज्यों की तुलना में सबसे अधिक है। यूपी के कई जिलों में पुलिस वालों से अपराधी से ज्यादा आम जनता डरती है। पीड़ित पक्ष थानों में जाने से कतराता है।
शुक्रवार को योगी सरकार ने पीड़ितों की एफआईआर दर्ज कराने के लिए प्रत्येक एसपी कार्यालय में एफआईआर काउंटर खोलने का फरमान सुनाया है। जिसके चलते हर जिला मुख्यालय में आदेश भी जारी हो गया है।
हैलो उत्तराखण्ड न्यूज ने इस मुद्दे को लेकर जब डीजीपी आफिस उत्तराखण्ड में बात की तो उन्होने बताया कि उत्तराखंड में थानों और पुलिस अधिकारियों तक आम जनता की डायरेक्ट अप्रोच है। वैसे भी उत्तराखंड की मित्र पुलिस है। राज्य के थाने एवं चैकियों में पहुंचने वाले हर पीड़ित का मुकदमा और फरियादी की सुनवाई होती है। ऐसी स्थिति में यूपी की नकल करने का कोई मतलब नहीं है। साथ ही एमए गणपति ने कहा कि जो कार्य यूपी में अब शुरू होने जा रहा है वही कार्य उत्तराखण्ड में पहले से ही शुचारू रूप से चल रहा है। ऐसे किसी भी कार्य की उत्तराखण्ड में जरूरत नही है, और वैसे भी उत्तराखण्ड और यूपी की क्राइम परिस्थितियों में बडा अंतर है वहां ऐसे कार्यो की आवश्यकता भी है।
इसी मुद्दे को लेकर जब हमने डीजीपी आफिस उत्तरप्रदेश में बात की तो उन्होने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को यह आदेेश जारी किया है। उनका कहना था कि प्रत्येक एसपी कार्यालय में एफआईआर दर्ज करने हेतू काउंटर लगाए जायेगें और जहां पडित सीधे अपनी शिकायत दर्ज कर सकेगा और उस पर तुरतं कार्यवाही होगी। ताकि पीडित को किसी प्रकार की यातना ना झोलनी पडे, यह आदेश जल्द ही शुचारू रूप से देखने को मिलेगें।