एस.बी.आई देश का सबसे बड़ा बैंक है और हर घर में किसी न किसी का खाता एस.बी.आई बैंक में जरूर होगा। एस.बी.आई ने जीएसटी लागू होने के बाद अपने नियमों में काफी सारे बदलाव किए है जो एस.बी.आई के कस्टमर यानि आपको सीधे प्रभावित करेंगे। अगर आप भी एस.बी.आई अकाउंट होल्डर है तो ये सारे नियम अच्छे से जान ले।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, जो कि भारतीय बैंकिंग परिसंपत्तियों में से एक-चौथाई हिस्सेदारी रखता है। बैंकिंग सेवा मव इतना बड़ा हिस्सा रखने वाले बैंक में अगर आपका खाता है तो इसमें न्यूनतम धनराशी बनाई रखे, नही तो आपको 100 रुपये जुर्माना 18 फीसदी टैक्स के साथ चुकाना पड़ेगा।
आर.बी.आई ने बैंकों को सामान्य बचत खातों में न्यूनतम शेष के रखरखाव पर शुल्क लगाने की अनुमति दे दी है। एस.बी.आई की वेबसाइट के मुताबिक मेट्रो, शहरी, अर्द्ध-शहरी और ग्रामीण शाखाओं में एस.बी.आई बचत बैंक खातों को रखने वाले ग्राहकों को एम.ए.बी (मासिक औसत शेष राशि) के रखरखाव के लिए अलग-अलग दंड का भुगतान करना होगा।
शाखाओं की चार श्रेणियों के मुताबिक एस.बी.आई ने अपने बचत बैंक ग्राहकों के विभिन्न श्रेणियों के लिए अलग-अलग जुर्माने कि धन राशी तय कि है।
यदि आपका एस.बी.आई बचत बैंक खाता मेट्रो शहर की शाखाओं में से एक है, तो आपको 5,000 मासिक औसत धनराशी बनाए रखनी होगी। इसके अलावा, अगर एक महीने के दौरान बनाए गए औसत शेष राशि शून्य या 1500 रुपये के बीच में आती है या न्यूनतम धनराशी में 75% से अधिक की कमी हुई तो गैर-रखरखाव प्रभार के तौर पर आपको जुर्माना भरना होगा जो कि 100 रुपये और 18 प्रतिशत टैक्स होगी। वही अगर औसत शेष राशि 1,500 से 2,500, के बीच में होगी या 75% से कम न्यूनतम धनराशी बैंक में होती है तो 75 रुपये जुर्माना और 18 प्रतिशत कर बैंक द्वारा वसूला जायेगा।
शहरी क्षेत्र, अर्द्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में खाताधारकों के लिए न्यूनतम धनराशी बनाये रखना आवश्यक है जो क्रमशः 3,000 रु ; 2,000रु और 1,000 रु है। और मेट्रो क्षेत्रों के खाताधारको को 5000रु नियुनतम धन राशी बनाये रखना जरुरी है।
एस.बी.आई अपनी सर्विस के लिए हर साल आपसे कुछ पैसे चार्ज के रूप में लेती है। एस.बी.आई ने इसे 18 प्रतिशत कर दिया हैं। पहले इसका रेट 15 प्रतिशत था। जीएसटी लागू होने के बाद इसमें 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है।
कुछ महीनों पहले ही एस.बी.आई ने अकाउंट होल्डर्स के लिए नई गाइडलाइन जारी की थी जिसमें पांच ट्रांजैक्शन को फ्री रखा गया था। अब एस.बी.आई के नियमानुसार जो लोग एस.बी.आई मोबाइल बडी ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं उनको प्रति ट्रांजैक्शन 25 रूपए देना होगा और इस पर जीएसटी अलग से देना होगा।
भारतीय स्टेट बैंक (एस.बी.आई) ने छोटे डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए 1,000 रुपये तक के IMPS (इमिजिएट पेमेंट सर्विस) ट्रांसफर पर शुल्क ख़त्म कर दिया है। इससे पहले बैंक 1000 रुपए तक के IMPS ट्रांजैक्शन पर सर्विस टैक्स के साथ 5 रुपए का चार्ज वसूलता था। जबकि 1,000 से 1,00,000 रुपये के लेनदेन पर 5 रुपये और 1 लाख रुपये से 2 लाख रुपये पर 15 रुपये का शुल्क देय होगा।
जानकारी के लिए बता दें कि IMPS एक अंतरबैंकिंग इलेक्ट्रॉनिक मनी ट्रांस्फर सेवा है। इसका उपयोग मोबाइल फोन और इंटरनेट बैंकिंग दोनों माध्यम से किया जा सकता है। जीएसटी लागू होने के बाद वित्तीय लेनदेन पर 18% टैक्स लगाए जाने की सूचना देने के दौरान बैंक ने यह जानकारी दी।
एस.बी.आई में अगर आप गले हुए नोट बदलवाने जाते हैं तो उसके लिए भी आपको चार्ज देना होगा। नियमानुसार यदि आप 20 से ज़्यादा खराब नोट यानि 5000 से ज़्यादा रूपए तक के नोट बदलवाना चाहते हें तो इसके लिए आपको 2 रूपए और साथ में टैक्स भी देना होगा। यदि आप एस.बी.आई बडी ऐप से अपने बैंक के सेविंग अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करते हैं तो आपको 3 फीसदी + टैक्स चुकाने होंगे।
ग्राहकों को नए चेक बुक के लिए 10 लीफ चेक बुक के लिए 30 रुपये, 25 लीफ के लिए 75 रुपये के अलावा 18 फीसदी जीएसटी और 50 लीफ के लिए 150 रुपये के साथ-साथ कर भुगतान करना होगा।
वही 1 जून से नए एटीएम कार्ड पर भी शुल्क वसूला जा रहा है, लेकिन रुपे क्लासिक कार्ड नि:शुल्क बैंक द्वारा जारी किये जा रहे हैं।